ಮುದ್ದು ವಿದ್ಯಾರ್ಥಿಗಳೇ, ನಿಮಗೆಲ್ಲರಿಗೂ ಗುಬ್ಬಚ್ಚಿಗಳ ಚಿಲಿಪಿಲಿ ಬ್ಲಾಗಿಗೆ ಹಾರ್ದಿಕ ಸ್ವಾಗತ! ಸುಸ್ವಾಗತ!!

हिन्दी सुगमभारती आठवी कक्षा स्वाध्यायमाला

 हिन्दी   सुगमभारती आठवी कक्षा स्वाध्यायमाला 


लेखन और संकलन

श्री. दिनेश ठाकूरदास चव्हाण

जि.प.प्राथमिक कन्नड पाठशाला, बबलाद

ता. अक्कलकोट जि.सोलापूर

मो.नं. 7066102066


अनुक्रमणिका

पहली इकाई

क्र.

पाठ का नाम

विधा

रचनाकार

१.

हृदय का उजाला 

गीत

रमाकांत यादव   

२.

उसी से ठंडा, उसी से गरम  

हास्य कथा

डॉ. जाकिर हुसैन

 

३.

गाना-बजाना

विवरणात्मक निबंध  

रामवृक्ष बेनीपुरी

४.

श्रद्धा और प्रयास

पत्र

काका कालेलकर

५.

सुनो और गुनो

आधुनिक दोहे

गोपालदास सक्सेना 'नीरज'

६.

और प्रेमचंद जी चले गए

संस्मरण

डॉ. रामकुमार वर्मा

७.

हींगवाला

संवादात्मक कहानी

सुभद्राकुमारी चौहान

८.

कदम मिलाकर चलना होगा

नवगीत

अटलबिहारी वाजपेयी

 


दूसरी इकाई

१.

पंपासर    

खंडकाव्य का अंश

नरेश मेहता

२.

परोपकार

लघुकथा   

श्रीकृष्ण

३.

आत्मनिर्भरता

वैचारिक निबंध

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

४.

तुम मुझे खून दो

भाषण

नेताजी सुभाषचंद्र बोस

५.

संतवाणी

पद

महाकाव्य का अंश

संत मीराबाई

गोस्वामी तुलसीदास

६.

प्राकृतिक सौंदर्य से पूर्ण 'अल्मोडा'

यात्रा वर्णन

डॉ. इसरार 'गुनेश'

७.

सम्मेलन अंगों का

एकांकी

श्रीप्रसाद

८.

जिंदगी का सफर

गजल

नंदलाल पाठक

व्याकरण तथा रचना विभाग एवं भावार्थ



१.    हृदय का उजाला

शब्द वाटिका

गम = दुख,     चाहत = अभिलाषा, इच्छा

अनगिन = जो गिना नहीं जाता, असंख्य

स्नेहक = स्नेह का मरहम या लेप

* सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :-

(१) रिक्त स्थानों में उचित शब्द लिखो :

१. मिटाना है अंधेरे को ।

२. उजाला लाना है हृदय में।

३. भोजन कराना है भुके को ।

४. ज्योति जलानी है दिल में।

(२) कविता में आए दीवाली से संबंधित दो शब्द लिखो:

          १. फुलझाडिया २. पटाखे

(३) वाक्य के सामने सही अथवा गलत लिखो:

१. कवि ने हमें अपने दिलों के दीप जलाने के लिए कहा है। = सही

२. कवि ने दीन-दुखियों को दुख देने के लिए कहा है।       = गलत

भाषा बिंदु

समानार्थी शब्द लिखो :

दीपक = दिया , दीप        हृदय = दिल , मन

आनंद = खुशी, हर्ष         घाव = चोट, दर्द,           लाचार = बेबस, मजबूर

*'दीन-दुखियों का दुख दूर करना चाहिए' विषय पर अपने विचार संक्षेप में लिखो ।

 

२.    उसी से ठंडा, उसी से गरम

शब्द वाटिका

ठिठुरना = थंड से कंपन               बालिश्तिया = सिरे तक की लंबाई, बित्ता

सुन्न = संवेदनारहित             ताज्जुब = आश्चर्य

सहम जाना = घबरा जाना        रंज = दुख

बालिश्त = अंगुठे के सिरे से लेकर कनीष्ठिका के सिरे तक की लंबाई, बित्ता

* सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :-

(१) संजाल पूर्ण करो : बालिश्तियों की विशेषताएँ

  • छोटे छोटे बालिस्त भर के आदमी होते है।
  • उनके लडके किसी परदेशी को सताते नही।
  • न तालिया बजाते।
  • न पत्थर फेकते।

(२) उत्तर लिखो :

पाठ में प्रयुक्त सरदी से संबंधित शब्द:

हात ठिठुरे जाते है, फुंकना, गरमा लेना, जाडा, ठंडा

(३) निम्नलिखित कथनों में से असत्य कथन को सुधारकर फिर से लिखो :

१. बालिश्तिये को खाना बनाने की फिक्र हुई।

उत्तर: असत्य कथन। सत्य यह है की लकडहारा को खाना बांनाने की फिक्र हुई।

२. सरदी के कारण लकड़हारे के हाथ ठिठुरे जाते हैं।

उत्तर: सत्य।

३. लकड़हारा एक भलामानस था।

उत्तर: सत्य

४.  बालिश्तिये के पास एक छोटी हाँड़ी थी।

उत्तर: असत्य, लकडहारे के पास एक छोटी हाँड़ी थी।

भाषा बिंदु

(अ) दिए गए शब्दों का वचन परिवर्तन करके अपने वाक्यों में प्रयोग करो :

शब्द

वचन परिवर्तन

वाक्य

दीवार

दिवारे

मकान दिवारो से बनता है।

महिला

महिलाये

गाव की महिलाये बाजार जा रही है।

लकड़हारे

लकडहारा

लकडहारा पेड काट रहा है।

ऊँगलियाँ

ऊँगली

ऊँगलीमाल डाकु लोगों की ऊँगली काटता था।

हाथ

हाथ

मेरे हाथों मे नव नव चुडिया है।

 (आ) पाठों में प्रयुक्त सहायक क्रिया के वाक्य ढूँढ़कर लिखो ।

सहायक क्रिया

था, है, गया, थी, थे, हूं, हुई,

उपयोजित लेखन

वृक्ष और पंछी के बीच का संवाद लिखो।

वृक्ष: नमस्कार, पंछी! आप कैसे हो?

पंछी: नमस्कार, वृक्ष। मैं ठीक हूँ, धन्यवाद। आपकी पत्तियों में अब नए रंग आने लगे हैं, बहुत सुंदर दिख रहे हो।

वृक्ष: धन्यवाद, पंछी। आपका ध्यान कभी-कभी मेरे ऊपर से हटता है और आपको उड़ते देखना मुझे खुशी देता है। आपको खुली आसमान में उड़ते देखकर मुझे भी अच्छा लगता है।

पंछी: वाकई? आपको मेरी उड़ान देखकर खुशी होती है? आपने कभी सोचा है, वृक्ष, कि आपकी ऊँचाईयों से ऊपर उड़ते हुए हम पंछियों को कितनी आज़ादी मिलती है?

वृक्ष: हां, पंछी, मैंने कभी इस बारे में विचार किया है। आप पंछियों को वाकई आज़ादी का अनुभव करते होंगे। आप जहां चाहें उड़ सकते हैं, खुली आसमान में घूम सकते हैं, और नदी-तालाबों के किनारे घर बना सकते हैं।

पंछी: हां, वृक्ष, यह सब करने में बड़ा मजा आता है। आपके नीचे रहकर भी मैं आपसे जुड़ा हुआ महसूस करती हूँ। आपकी छाया और फूलों की सुगंध हमें खुश रखती है।

वृक्ष: धन्यवाद, पंछी। आपकी संगीतमय चहचहाहट भी मेरे लिए सौभाग्य की बात है। आप पंछियों की मधुर स्वरों से प्रकृति को और सुंदर बना देते हो।

पंछी: आपकी प्रशंसा के लिए धन्यवाद, वृक्ष। हम एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। हमारे बीच का यह संवाद हमारी दोस्ती को और मज़बूत बनाता है।

वृक्ष: सही कहा, पंछी। हमारी दोस्ती कभी न तूटे। हम एक-दूसरे के साथ सभी खुशियाँ और दुखों को साझा करते हैं।

पंछी: आपसे मिलकर बात करना मुझे बहुत अच्छा लगता है, वृक्ष। आपकी स्थिरता और सदाचार का मुझ पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। आप हमें एक साथ रहने का बहुत समय देते हो, इसके लिए धन्यवाद।

वृक्ष: धन्यवाद, पंछी। हम सभी प्राकृतिक तत्व एक-दूसरे के संबंध को समझते हैं और साथ मिलकर एक सुंदर विश्व बनाते हैं।

पंछी: चलिए, वृक्ष, मैं अब ऊपर की सैर करके आती हू।

 

३.    गाना – बजाना

शब्द वाटिका

बेतहाशा = असीमित             मशहूर = प्रसिद्ध

पिपुही= छोटी बाँसुरी, पिपहरी       मुँगरी = मुठियादार लाठी

नरकट = पतली गाँठदार बेंत       बेशी = = ज्यादा

ईजाद = खोज                  अधिवासी = आकर बसने वाला

* सूचना के अनुसार कृतियाँ करो:-

(१) संजाल पूर्ण करो :

पाठ में आए हुए बाजों के नाम

पिपुही, ढोल, झुनझुना, वीणा, राजा, बांस, ऐंगलौंग, सितार, सारंगी, बाजो की खिचडी, मरिंबा इत्यादि।

(२) पाठ के आधार पर जानकारी लिखो :

१. मरिंबायह मेक्सिको देश का बाजा का नाम है। उसपर एकसाथ ही चार चार आदमी बाजा बजा लेते है।

२. राजा: चीन के बाजे का नाम राजा है  एक का का ख्ता  लटका है, जिसपर सोलह  पत्थर के टुकडे दो पंक्तीयो  में सजाए रहते है।  जिनपर एक काठी की मुँगरी से हलके-लके मारकर नाना रह के स्व निकालते है

(३) लिखो:

बाजा, गाने को बना देता है = बाजा उस गाने को भडकदार और दिलचस्प बना देता है

जापान के तारवाले बाजे = जापान में, भारत के ही समान, तार के संयोग से

बने बाजों की भी बडी कदर है  सितार, सारंगी, वीणा ऐसे बहुत से तारवाले बाजे वहा है।

भाषा बिंदु

(अ) शब्द बनाओ:

                      उपसर्ग     प्रत्यय

आसमान युक्त समान युक्त समानता

                      शब्द       शब्द

 

                   उपसर्ग         प्रत्यय

असुर युक्त शब्द  सुर  युक्त शब्द सुरेली

 

(आ) पाठों में आए सर्वनाम ढूंढकर उनका वाक्य में प्रयोग करो।


उपयोजित लेखन

अनुवाद करो :

अपनी मातृभाषा के समाचार पत्र की दस पंक्तियों का हिंदी में अनुवाद करो ।

 

४.    श्रद्धा और प्रयास

                                  -काका कालेलकर

शब्द वाटिका

लुत्फ = आनंद,   अभ्युपगम = अंगीकार, पास जाना, समन्वय = ताल-मेल

मुहावरा

बेड़ा पार होना = उद्धार होना

*सूचना के अनुसार कृतियाँ करो:-

(१) कृति पूर्ण करो :

 

(२) एक वाक्य में उत्तर लिखो :

१. किस रास्ते को तुरंत छोड़ देना चाहिए?

उत्तर: बुद्धी ने जि रास्ते को हि, गलत और त्याज्य बताया, उस रास्ते को तुरंत

तुरंत छोड देना चाहिए

२. बापूजी को अपनी जीवननिष्ठा से क्या प्राप्त हुआ?

उत्तर: बापुजी अपने सत्यनिष्ठा, आत्मानिष्ठा और अनुभवमूलक जीवननिष्ठा से अपने जीवन को सफल बनाया।

(३) लिखो:

१. जीवन का व्याकरण = सामंजस्य और समन्वय ही जीवन का सच्चा व्याकरण है।

२. ज्ञान प्राप्ति के लिए आवश्यक = श्रद्धा के बिना ज्ञा प्राप्त नही होगा। और केवल श्रद्धा से भी नही होगा ज्ञान प्राप्ती के लिए चाहिए प्रयत्न, प्रयोग और कसौ करने की त्परता

(४) लेखक द्वारा बताई मुख्य बातें :

1. बुद्धी ने जि रास्ते को हि, गलत और त्याज्य बताया, उस रास्ते को तुरंत

तुरंत छोड देना चाहिए

2. श्रद्धा के बिना ज्ञा प्राप्त नही होगा।

3. श्रद्धा, बुद्धी, समझ, अनुभव, कल्पना, अभ्युपगम आदि सब बाते अपनी –अपनी जीवनदृष्टि को प्रधानता देती है।

 (अ) निम्न शब्दों का वर्ण विच्छेद करो :

भाषा बिंदु

जैसे- विधा = व्+इ+ध्+आ

विकास = व्+इ+क्+आ+स्+अ

कारण =  क्+आ+र्+अ+ण्+अ

कमजोरी: =क्+अ+म्+अ+ज्+ओ+र्+ई

कैसे = क्+अ+ए+स+ए

कौआ =क्+अ+ऊ+आ

जुगनू =ज्+उ+ग्+अ+न्+उ

(आ) पाठ में आई दस क्रियाओं के प्रथम तथा दूद्वितीय प्ररेणार्थक रूप लिखो ।

प्रथम प्ररेणार्थक रूप         दूद्वितीय प्ररेणार्थक रूप

मिलना                   मिलाना

देखा                     देखना

बनना                    बनाना

रखना                    रखाना

बता                     बताना

करना                    करवाना

बैठना                    बिठाना

समझ                    समझना

डरना                    डराना

 

उपयोजित लेखन

'सब दिन होत न एक समान का अनुभव कराने वाला कोई प्रसंग लिखो।

५.    सुनो और गुनो

                                  -गोपालदास सक्सेना नीरज

शब्द वाटिका

मँझधार = नदी की धारा के बीच                  प्रभात = सुबह

पतवार = नाव को आगे-पीछे चलाने का साधन, चप्पू.  शीश = सिर

खद्योत = जुगनू                              छाँह = छाया

*सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :-

(१) परिणाम लिखो :

१. दूरदर्शन के आने का अपनी संस्कृति बिना तीर-तलवार से ही सब घायल हो गई है।

२. दूरभाष के प्रचार का- दूरभाषा के प्रचार तब से होने लगा है, तब से अपनो की चिट्टी-पत्र या तार भी आना बंद हो गया।

(२) प्रस्तुत कविता में से अपनी पसंद के किन्हीं दो दोहों से मिलने वाली सीख लिखो ।

उत्तर: दूरभाष का देश मे जब से हुआ प्रचार

      तब से घर आते नही चिट्टी-पत्री-तार।

शीख: विदेशी भाषा की प्रचार जब से सुरू हुआ, तब से अपने लोग अपनो से बिछुडने लगे है। घर परिवार, मित्र परिवार मे होनेवाले पत्र व्यवहार बंद हो गया है। आजकाल घर मे किसी की भी चिट्टी –पत्र या तार आना बंद हो गया है।

     ज्ञानी हो फिर भी न कर दुर्जन संग निवास,

     सर्प- सर्प है, भले ही मणी हो उसके पास।

शीख: ज्ञानी, पंडित और अच्छे लोग दुर्जन के संग नही जाना चाहीये। ऊनके पास निवास नही करना चाहीये। भले ही नाग सर्प के पास मणी हो मगर ओ काटेगा जरूर। ऐसेही दुर्जन लोग अपना रंग दिखा देते है।

(३) उचित जोड़ियाँ मिलाओ

             उत्तर         

१. सर्प         मणी           छाँह

२. घनश्याम     सूरदास         मणी

३. फूल         खुशबू          सूरदास

४. वृक्ष         छाँह            खुशबू

(४) फूल तब भी सुगंध देते हैं

तोडो, मसलो या उसपर धूल डालो

'चरित्र निर्माण में सत्संगति आवश्यक होती है' इसपर अपने विचार लिखो।

उत्तर: 

भाषा बिंदु

निम्नलिखित विरामचि ह्नों का प्रयोग करके कोई संवाद लिखो :

प्रश्नार्थक चिह्न ?     उद्गारवाचक चिह्न !        :   अल्पविराम ,   पूर्णविराम     ......     “........”

 

उपयोजित लेखन

अपने विद्यालय में मनाए गए 'बाल दिवस' समारोह का वृत्तांत लिखो।


 

६. और प्रेमचंद चले गये

शब्द वाटिका

तकल्लूफ =औपचारिकता, औपचारिकता

अट्टहास = जोर की हँसी, ठहाका

प्रतीक्षा = इंतजार

निहायत = बहुत

प्रेमचंद जी की विशेषताएँ

* सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :- (१) प्रवाह तालिका पूर्ण करो :

                         

वृध्द सज्जन

सरल और सौम्य

आकाशव्यापी अट्टहास

प्रासिद्ध कहानी और उपन्यास लेखक

 

 

 

 

 


(२) कारण लिखो :

१. प्रेमचंद जी प्रयाग आए थे .........

कारण: प्रेमचंदजी हिंदुस्तानी एकेडेमी के वार्षिक अधिवेशन में भाग लेने के लिए प्रयाग आए थे।

२. लेखक कविताओं की प्रेस कॉपी बना रहे थे...........

कारण: लेखक अपनी कविताओं की संग्रह प्रकाशित करने के हेतु अपनी कविताओं की प्रेस कॉपी बना रहे थे

३. प्रेमचंद जी ने लेखक की पत्नी द्वारा परोसी खीर खाई थी......

कारण: लेखक की पत्नी ने प्रेमचंद जी के लिए खाना परोसकर ऊनके कमरे मे रखा थी। रात दो बजे वे आने तक खीर का दूध फट गया था। इस फटा दूध का खीर न खाने से मेरी ओर से बहुरानी का दिल न फट जाये। इसलिए प्रेमचंद जी ने लेखक की पत्नी द्वारा परोसी खीर खाई थी।   

(३) एक वाक्य में उत्तर लिखो

१. सुबह उठकर लेखक ने क्या देखा?

उत्तर: सुबह उठकर लेखक ने देखा की प्रेमचंद जी अपना सामान लेकर चले गए है।

२. लेखक का काव्य संग्रह किस नाम से प्रकाशित हुआ?

उत्तर: रूपराशि के नाम से लेखक का काव्य संग्रह प्रेमचंद जी के सरस्वती प्रेस बनारस से प्रकाशित हुआ।

भाषा बिंदु

पाठ के किन्हीं दस वाक्यों के उद्देश्य और विधेय अलग करके लिखो ।

उपयोजित लेखन

मुद्दों के आधार पर कहानी लिखो :

एक जंगल में विशाल घना वृक्ष....... उसपर पक्षियों के घोंसले ....... विषैले बाण, पेड़ के तने में घुसने से पेड़ का सूख जाना ....... सारे पक्षियों का इधर-उधर उड़ जाना ....... एक तोते का उसी पेड़ पर बैठे रहना ...... दूसरे तोते का उड़ चलने

का आग्रह करना ...... इनकार ....... कहना 'मेरी दो पीढ़ियों का इसी पेड़ पर निवास ..... "इसे छोड़कर जाना असंभव' .... शीर्षक

कहानी

७. हींगवाला

शब्द वाटिका

साफा = एक तरह की पगड़ी

बोहनी = पहली बिक्री

मुहावरे / कहावत

हाथ-पैर ठंडे पड़ना = बहुत डर जाना

फूट-फूटकर रोना = बहुत रोना

प्राण मुरझा जाना = व्याकुल होना, बुरी तरह डर जाना

अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत = समय बीत जाने पर पछताने

से कोई लाभ नहीं होता...

* सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :

(१) संजाल पूर्ण करो

          सावित्री के परिवार के सदस्य

·        सावित्री और उसका पती

·        तीन बच्चे दो लडके और एक लडकी

(२) जानकारी लिखो :

१. हींगवाला : लगभग पैंतीस साल का खान नाम का आदमी गांव गांव पैदल जाकर दूर देश से लाया हूआ हींग बेचता था।

२. सावित्री के बच्चे: सावित्री के तीन बच्चे थे। दो लडके और एक लडकी। सावित्री के कितने प्रलोभन देने के बाद भी न मानकर काली मां की जुलूस देखने जाते है।

 

 (३) उत्तर लिखो :

१. हींगवाला सावित्री को हींग लेने का आग्रह क्यों कर रहा था?

उत्तर: हींगवाला इसबार हेरा हींग लाया था। उसको सावित्री की हाथ की बोहनी लगती थी। इसलिए वह सावित्री को हींग लेने का आग्रह कर रहा था।  

२. दंगे की खबर सुनकर सावित्री पर हुआ परिणाम लिखो।

उत्तर: शहर में काली मां का जुलूस निकलने वाला था। नौकर रामु के साथ लाचार होकर सावित्री अपने बच्चो को जुलूस देखने भेजा था। दिन ढल गया मगर बच्चे न लौटे तो उसे भीतर से और बाहर से बेचैन होने लागी। सावित्री की स्थिति मानो ऐसे हो गई जैसे – अब पछताए होत कया जब चिडिया चुग गई खेत। सडक पर से भागते हुए आदमीयो को वह अपने बच्चो के बारे मे पुछने लगी। इतनी भीड में भला कोई मेरे बच्चो को खोजे भी तो कैसे? पर अब वह करे भी तो कया करे? उसे अपने उपर ही क्रोध आ रहा था।

(४) एक वाक्य में उत्तर लिखो:

१. सावित्री कहाँ बैठी थी?

उत्तर: सावित्री मौलसिरी के पेड के नीचे चबुतरे पर बैठी थी।

२. शहर में किसका जुलूस निकलने वाला था?

उत्तर: शहर में काली मां का जुलूस निकलने वाला था।

३. सावित्री के बच्चे किसके साथ सकुशल लौट आए?

उत्तर: सावित्री के बच्चे हींगवाला खान साथ सकुशल लौट आए।

४. खान ने सावित्री को देखते ही क्या कहा?

उत्तर: खान ने सावित्री को देखते  ही कहा की, ‘‘क्त च्छा नही है म्मा !  बच्चो को ऐसी भी-भा में बा भेजा रो ’’

भाषा बिंदु

 (अ) निम्न शब्दों से कृदंत / तद्धित बनाओ :

रोकना, हँसना, डरना, बचाना, लाचार, बच्चा, दिन, कुशल

क्र.

कृदंत

तद्धित

१.

रोकना – रोकनेवला

लाचार – लाचारी

२.

हँसना – हँसनेवाला

बच्चा – बचपना

३.

डरना – डरनेवाला

दिन –दैनंदिन/दैनिक  

४.

बचाना – बचानेवाला

कुशल – कुशलता

 

 (आ) तालिका में निर्देशित कालानुसार क्रियारूप में परिवर्तन करके लिखो:

(कर्ता के अनुसार क्रिया रूप में परिवर्तन करना अपेक्षित है ।)

सोना, करना, माँगना, देना, उठना, क्रियारूपों को इसी प्रकार सूची में लिखो।

क्रिया

सामान्य वर्तमान

काल

अपूर्ण

वर्तमान

काल

पूर्ण

वर्तमान

काल

सामान्य

भूतकाल

 

अपूर्ण

भूतकाल

 

पूर्ण

भूतकाल

 

सामान्य

भविष्यकाल

 

अपूर्ण

भविष्यकाल

 

पूर्ण

भविष्यकाल

 

लिखना

लिखती है।

लिख रहा है।

लिखा है।

लिखा।

लिख रहा था।

लिखा था।

लिखेगा।

लिख रहा होगा।

लिखा होगा।

सोना

सोता है।

सो रहा है।

सोया है।

सो गया।

सो रहा था।

सोया था।

सोएगा।

सो रहा होगा।

सोया होगा।

करना

करता है।

कर रहा है।

किया है।

किया।

कर रहा था।

किया था ।

करेगा।

कर रहा होगा।

किया होगा।

माँगना

माँगता है

माँग रहा है

माँगा है

माँगा

माँग रहा था

माँगा था

माँगेगा

माँग रहा होगा

माँगा होगा

देना

देता है

दे रहा है

दिया है

दिया

दे रहा था

दिया था

देगा

दे रहा होगा

दिया होगा।

उठना

उठता है

उठ रहा है

उठा है

उठा

उठ रहा था

उठा था

उठेगा

उठ रहा होगा

उठा होगा

उपयोजित लेखन।

अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को चार दिन की छुट्टी की माँग करने हेतु प्रार्थना पत्र लिखो ।

                                           तारीख. १६/०८/२०२३

                                           राम कदम

                                           आठवी कक्षा

प्रती,

मा. प्रधानाचार्यजी,

श्री. शिद्देश्वर प्रशाला, तोळणूर.

     अर्जदार: राम कदम, आठवी कक्षा।

     विषय: चार दिन की छुट्टी की माँग करने हेतु प्रार्थना पत्र।

          महोदय,

          मै अपनी पाठशाला में आठवी कक्षा का छात्र हूं। मुझे दो दिन से अच्छा नही लग रहा है। विकनेस होने के कारण पढाई मे ध्यान नही दे पा रहा हूं। हस्पिटल मे जाने के लिए मुझे चार दिन की छुट्टी चाहीए। इसलिए आप को विनंती करता हूं की मुझे चार दिन की छुट्टी डिजीए। मै मित्रो की मदत से मेरी चार दीन का अभ्यास पूर्ण कर लुंगा। 

          धन्यवाद।

                                      आपका आज्ञाकारी छात्र,

                                           राम कदम,

 







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